इकोनॉमी पर चर्चा की जरूरत, RBI अपनी भूमिका को लेकर तैयार: शक्तिकांत
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर चर्चा की आवश्यकता है. जिसमें कई पहलुओं पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि आरबीआई ग्रोथ में गिरावट, मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी, बैंकों और एनबीएफसी को लेकर उन सभी कदमों को उठाने के लिए तैयार है, जिससे इनकी सेहत में सुधार हो.
अमेरिका-चीन डील पर नजर
शक्तिकांत दास से उम्मीद जताई है कि चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड डील जल्द हो जाएगी. जिससे ग्लोबल इकोनॉमी मजबूत होगी. उन्होंने कहा कि वैश्विक आर्थिक मंदी को ध्यान में रखते हुए चरणबद्ध तरीके से अर्थव्यवस्था को लेकर कई कदम उठाने की जरूरत है. जिसमें से कुछ कदम भविष्य को ध्यान में रखकर में भी उठाने होंगे.
बैंकों को सतर्क रहने की जरूरत
इससे पहले पिछले हफ्ते शक्तिकांत दास ने कहा था कि अर्थव्यवस्था में चुनौतियां बरकरार हैं. उन्होंने बैंकों से कहा था कि मौजूदा आर्थिक परिस्थितियां उनके समक्ष कुछ चुनौतियां खड़ी कर सकती हैं, इसलिए बैंकों को पूरी मुस्तैदी के साथ इनका मुकाबला करने के लिए तैयार रहना चाहिए. साथ में उन्होंने यह भी कहा कि बैंकिंग सेक्टर में सुधार हो रहा है.
गौरतलब है कि बुधवार को शक्तिकांत दास बैंकों के प्रमुखों के साथ मुलाकात की थी. उन्होंने बैंकरों से कहा कि बैंकिंग सेक्टर में सुधार आ रहा है और स्थिति मजबूत हो रही है. इस बैठक में स्ट्रेस्ड असेट्स को लेकर चर्चा हुई. उन्होंने बैंक प्रमुखों से कहा कि वह इन मामलों का निपटारा करने के लिए आपस में बेहतर तालमेल स्थापित करें.
रेपो रेट में नहीं कटौती के पीछे तर्क
बता दें, आरबीआई ने इस बार रेपो रेट में कटौती नहीं की, और यह 5.15 फीसदी पर बरकरार है. इसको लेकर शक्तिकांत दास ने कहा था कि मौद्रिक नीति (एमपीसी) की अगली बैठक यानी फरवरी में बेहतर ढंग से निर्णय लिया जा सकता है. क्योंकि उस समय तक और आंकड़े सामने होंगे और सरकार भी 2020-21 का बजट पेश कर चुकी होगी.